Thursday, February 14, 2008

Valentine Day - एक नजरिया

Valentine Day पश्चिमी देशो का एक त्यौहार (?) जो हमारी संस्कृति पर हमला है ... हमे इसे मनाने की बजाय इसका विरोध करना चाहिए! Valentine Day प्यार को जाहिर करने का दिन पर मैं इसे नही मानाउँगी क्योंकि प्यार जाहिर करने के लिए मुझे कोई विशेष दिन नही चाहिए ... ऐसे कितने वाक्य हर साल valentine day के दिन सुनने को मिलते है। हर साल विरोध होता है और इस विरोध के बीच पिछले साल से और कही ज्यादा लोग valentine day मनाते है। ये नजरिया हमारे देश में काफी लोगो का है। पर मेरा मत इनसे अलग है।

मैं भी valentine day मनाती हूँ ... पर एक दूसरी सोच के साथ ... मेरे valentine day मनाने के पीछे उद्देश्य कुछ और है। valentine day ... प्यार का पर्व जिसका मतलब मेरे लिए प्यार बाँटना है ... हालांकि प्यार बाँटने के लिए कोई विशेष दिन की जरूरत नही होती पर इस भागती दौड़ती जिंदगी के बीच हमे ऐसे कुछ दिनों की आवश्यकता महसूस होने लगी है और शायद ये उन कुछ कारणो मे से है जिसकी वजह से valentine day मनाने वालो की तादाद हर साल बढ़ रही है। valentine day ... भारतीय बसंत-पर्व का पश्चिमी रूप है। हालांकि बसंत-पर्व इतना प्रसिद्ध नही हुआ जितना की valentine day ... जिसकी वजह शायद "branding" हो सकती है ... पर दोनों का उद्देश्य एक ही है।

valentine day के commercial/business कारणों को छोड़ कर देखा जाए तो हमे महसूस होगा की ये एक दिन है जब हम अपने भूले हुए दोस्तो को बिना किसी कारन याद करते है, बातें करते है। कहने को तो दोस्ती किसी एक दिन की मोहताज नही होती, पर जिंदगी की बढ़ती जिम्मेदारियों के बीच हम सब भूल जाते है। ऐसे मे valentine day, friendship day हमे वो दोस्त, वो पल, वो यादे एक बार फिर लौटा लाने का बहाना देते है। साल के 365( या 366) दिन मे से कितने दिन हमे याद रहता है की हम अपने दिल की बात जाहिर कर सके, कितने दिन होते है जब हम अपनों को बताते है की हम उनसे कितना प्यार करते है। कहने को तो लोग कहते है की ये बताने की जरूरत नही होती की आप किसी से कितना प्यार करते है ... प्यार अपने आप पता चल जाता है ... पर फिर भी जब कोई आपसे ये कहे की आप उसके लिए कितने जरूरी हो, वो आपसे कितना प्यार करता है ... ये आपको अपने होने का अहसास होता है, आपको पता चलता है की आप भी किसी के लिए ख़ास है, जरूरी है।

मेरे ख्याल से valentine day किसी भी अन्य भारतीय त्योंहार की तरह है जब हम अपनी खुशियाँ लोगो के साथ बताते है। valentine day कहने को पश्चिमी त्यौहार है पर जब बात खुशियाँ बाँटने की हो, जिंदगी जीने की हो तो उन्हें सीमाओं मे कैद नही करना चाहिए। रही बात हमारी संस्कृति के विरुद्ध होने की तो हमारी संस्कृति मे भी बसंत पर्व है और होली के दिन छेद चाद करना, दीवाली के दिन जूआ खेलना ये क्या हमारी संस्कृति के विरुद्ध नही है?

ये इंसान पर निर्भर करता है की वो किस नज़रिये से क्या देखता है या देखना चाहता है। हर सिक्के के दो पहलू होते है ... जब खुशी मिल रही है तो उसे देखो उसे जीओ, दुसरे पहलू के बारे मे सोचो पर उसकी वजह से खुशियों को बढ़ने से मत रोको।

आख़िर मे ... " बाटते चलो प्यार .... "

4 comments:

उन्मुक्त said...

बढ़िया नजरिया है।

Anonymous said...

Dear i have one advice for you "Please read what u post."

Actually i think you are confuse with your views and as i get i am able to say i think u have very much in yourself but you don't wana show to other.

Well its my view may be i am wrong(but ist very rear when i am wrong.)
But still you are good writer. Good thinking.
Have great time.

Ruchi said...

Amit i didn't get wht u say .. may be u find me confuse from what i wrote ... but its what i feel, thinks ... if you feel that i m wrong somewhere or confuse then you can give comments on that ... i m not clear what exactly you want to say with this comment.

Anonymous said...

Well Ruchi I only wana say, "Its better to say only that you feel".I think blog is to express your thought not to write only idol. Actually by reading your all blog I think there is something different what you write and what you think.

I think now i am clear. Well still i like to say its all upto you.

Have a nice time good luck